हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका हार्दिक स्वागत है। आपने अंतिम पोस्ट एक महीने पहले लिखी है। अब नियमित लिखना शुरु कीजिए और हिन्दीलेखन की दुनिया का आनंद लीजिए। आपको एक-दो सप्ताह तो लगेंगे अपना पाठकवर्ग तैयार करने में लेकिन ये कोई अधिक मुश्किल काम नहीं।
सबसे पहले आप नारदमुनि से आशीर्वाद लें। इस लिंक पर जाकर अपना चिट्ठा पंजीकृत करवा लें। नारद जी सभी चिट्ठों की खोज खबर रखते हैं और सब को उनके बारे में बताते हैं। यह बहुत आवश्यक कदम है।
इसके अतिरिक्त परिचर्चा हिन्दी फोरम के भी सदस्य बन जाइए। हिन्दी लेखन संबंधी किसी भी सहायता के लिए इस सबफोरम तथा ब्लॉग संबंधी किसी भी सहायता के लिए इस सबफोरम में सहायता ले सकते हैं।
पाठकों में पैठ बनाने के तीन तरीके हैं: नारद पर पंजीकरण, परिचर्चा में नियमित भागीदारी और सभी चिट्ठों पर नियमित टिप्पणी करना।
5 टिप्पणियां:
भाई, नमस्कार.
पर अब नमस्कार से आगे भी कुछ लिखें और नियमित लिखें.
शुभकामनाएँ.
हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका हार्दिक स्वागत है। आपने अंतिम पोस्ट एक महीने पहले लिखी है। अब नियमित लिखना शुरु कीजिए और हिन्दीलेखन की दुनिया का आनंद लीजिए। आपको एक-दो सप्ताह तो लगेंगे अपना पाठकवर्ग तैयार करने में लेकिन ये कोई अधिक मुश्किल काम नहीं।
सबसे पहले आप नारदमुनि से आशीर्वाद लें। इस लिंक पर जाकर अपना चिट्ठा पंजीकृत करवा लें। नारद जी सभी चिट्ठों की खोज खबर रखते हैं और सब को उनके बारे में बताते हैं। यह बहुत आवश्यक कदम है।
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पाठकों में पैठ बनाने के तीन तरीके हैं: नारद पर पंजीकरण, परिचर्चा में नियमित भागीदारी और सभी चिट्ठों पर नियमित टिप्पणी करना।
वैसे मैं आपका पहला पाठक और टिप्पणीकार हूँ। :)
श्रीश शर्मा 'ई-पंडित'
अरे टिप्पणी लिखते लिखते रवि जी की टिप्पणी मुझसे पहले प्रकाशित हो गई। मैं चूक गया आपका पहला टिप्पणीकार होने से। :)
अच्छा, नमस्कार!!
अब आगे और भी तो बातें करो. :)
हिन्दी चिट्ठे जगत में स्वागत है।
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