9/11/2010

नक्सलवाद

नक्सलवाद केवल सामाजिक आर्थिक समस्या हि नहीं हें इसके अलावा भी नहुत कुछ हें.विचारधारा की भी इसमें प्रमुख भूमिका हें.मरी हुई विचारधाराए अभी भी की लोगो को सभी समस्याओं से मुक्त राम राज्य का सपना दिखाती हें जिनकी अप्रासिंगकता जगजाहिर हें.क्रान्ति की अव्यहार्यता व्यहार और सिदांत दोनों मे सिद्द हो चुकी हें.हामारे सारे सामाजिक -राजनितिक सिद्धांतो की सीमा मानव स्वभाव की कमजोरिया हें। इंसान अछाई और बुराई दोनों का मिश्रण हें । इसलिए इन्हें कम तो किया जा सकता हें पर मिटाया नहीं जा सकता.