8/02/2007
किरण बेदी
सरकार गूंगी महिला को राष्टपति बनवा कर अम्हिला सशक्तिकरण का नारा पीट रही हे । । ताकी रस्त्पत ई उनके किसी अनुचित कार्य मे भी रोकावत ना डाले । दुसरी ओर किअर्ण बेदी जेसी काबिल इप्स ओफ्फिसर कि सिनियार्ती को नजरअंदाज करके किसी ओर को देल्ही का पुलिस आय्कत बनाना गह्तिया राजनीति का सबूत हे । कॉग्रेस कि यही परेशानी हे । याहा नेतार्ताव भी उलटी सीधे सलाह कारो के हिसाब से काम कर्ता हे खुद अपनी समझ से निर्णय नही लेटा । । राजीव के समय भी शाहबानो को उलटने ओर रांम मंदिर का टला खुलवाने जेसी सलाहे श्री अर्जुन सिंह जेसे नेता ने ही दी थी । जिनके पेट मे आजकल अल्प्संख्य्को के पिच्देपन को लेकर बल पद रहे हे । .pata nahi kis naag ke beej bo rahe he . itihaas 8nhe maaf nahi karegaa .कलाम शब् ने सही कहा हे भारत को कोई महाशक्ति बन्ने से रोक सकता हे तो सिर्फ उसके नेता ही रोक सकते हे ।
देहली मे बसें
अभी हिंदुस्तान पेपर मे डी रजा जो वामपंथी हे का कथन पढ .vo corporet fild ke is फिल्ड मे उतरने कि अनुमति देने के विरोधी हे । पता नही एसे लोग कब सुधरेंगे .दुनिया मे समाजवाद आयेगा या नही । गरीबी मिटेगी या नही .पर इनके विचार कभी बदलने वाले नही हे । भारत को ५० साल तक समाजवाद के नाम पर गरीब बनाए रखने ओर ब्रस्ताचार कि खेती से भी इन्हें अकाल; नही आयी । .समय बदल गया हे । बाजार के मध्यम से भी समाजवाद अ सकता हे अगर आप गरीब को भी उद्यमी बन्ने कि कोशिश करे । .बसो को बर्थ नेताओ के कब्जे मे बनाए रखने के बजाये बरंद आधारित । सस्ती व महंगी बुसू का संचालन ज्यादा उचित होगा । दुर्घत्ने निजी द्रीवारो डरा नही बल्कि एसे अन्त्रेंद चाल्को को दादित ना कर पाने के कारण हे । मुझे याद हे आज से बीस साल पहले मेरे गाव से जीपो कि भी एसी ही किल्लत होती थी । लोग खाते थे जनसंख्या बद रही हे इसलिये एसे ही तहस तहस कर जाओ । अब पता नही क्या हो गया । जीपो वाले घटे मे जा रहे हे । जनसंख्या तो पहले से भी ज्यादा हो गया हे । जाहिर हे लिसेंसे राज के बहोत गलत परिणाम आये हे । इसका फयद आना गरीब जनता को मिला हे ना उपभोक्ज्ताओ को । । cheen me bhi to sudhar ho gayaa he . hum log is samaajvad ke jhute juee ko kab utaar kar fekenge jisme apni pargti ke liye sarkaar ki or muh taakne ki parvarti hoti he . udyamita or apne dum par aage badhne ki nahi .
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