10/07/2014

हैदर - एक समीक्षा

हैदर - एक समीक्षा

1."मेरी मोत का इंतकाम लेना  मेरे बच्चे , उसकी उन दो आँखों में गोलिया दागना जिन आँखों से उसने तुम्हारी माँ पर फरेब डाले थे "
२. "हम तब तक आजाद नही होते जब तक की हम अपने इंतकाम से आजाद नही हो जाते।"