हर्ष हो अपार।
रंगों की बौछार ,
जीवन हो ख़ुशियों से सरोबार ।
पल पल रंग बदलें ख़ुशियाँ ,
जीवन ना हो कभी उदास।
सतरंगी इंदधनूष सा जीवन हो,
सामंजस्य ,सोहाद् से हो सरोबार ।
छँटा इदधनूषी रंगों की ,
बिखरे आप के घर द्वार ।
राकेश जैन।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें