8/08/2008

जाने तू

एक अच्छी फ़िल्म हे .मसला मूवी हे पर बोगौस फिल्मो से तो अच्छी हे । अभी अगली और पगली फ़िल्म देखकर पक गया .पता नही क्या सोचकर बना देते हे । कॉमेडी फ़िल्म और एक बार भी हसी नही चली जुगुप्सा के भावः पैदा होते हे । जाने तो मे नायक के पास मोबाएल नही होना खटकता हे .दोस्तों मे एक दुसरे को चाहना फ़िर जो मिले उसे ही स्वीकार कर लेना एक हकीकत हे । कुल मिलाकर पर्योगो के नाम पर कचरा ही जयादा बन रहा हे । दे तली और अगली पगली देखकर दिमाग घूम जाता हे । इन लोगो का हसी का सेंस कमजोर हे । जो लोग असली जिंदगी मे ख़ुद किसी को न हँसा पते हो या ज्याददा हसने की आदत न हो। वो हसी के फूहड़ता और व्बेव्कूग्फी का पर्याय समझा लेते हे

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