सर्जनात्मक पूँजीवाद दुनिया से गरीबी और अभावो को कम करने में मदद कर सकता हे । इंसान सिर्फ़ अच्छा होता तो समाजवाद और आदर्शवाद से ही काम चल जाता .बहुत बुरा होता तो पूंजीवाद भी काम नही कर पा ता .आर्थिक लाभ के बिना पेरना नही मिलती .सरकारी नोकरिया इसीलिए आरामतलबी और ब्र्स्ताचारो के अधिकार की पर्याय बन गयी हे .चीन ने भी बाजार समाजवाद का रास्ता अ पना कर हजारो को गरीबी की रेखा से निकला हे .
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