लहरों से डर कर नौका पार नही होती
हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती॥नन्ही चींटी जब दाना लेकर चलती है,
दीवरों पर सौ बार फिसलती है।
मन का विश्वास रगों में साहस बनता है,
कर गिरना, गिर कर चढ़ना ना अखरता
उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती॥
डुबकियाँ सिँधु में गोता-खोर लगता है,
जा-जा कर खाली हाथ लौट आता है।
मिलते ना सहज ही मोती पानी में
बहता दूना उत्साह इसी हैरानी में।
मुठ्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती
हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती॥
असफलता एक चुनौती है
स्वीकार करो,क्या कमी रह गयी
देखो और सुधार करो
।जब तक ना सफल हो, नींद चैन की त्यागो तुम
संघर्षों का मैदान छोड़ मत भागो तुम
कुछ किये बिना ही जय-जयकार नहीं होती,
हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती॥ (हरिवंश राय बच्चन )
5 टिप्पणियां:
क्या यह कविता आप ने लिखी है? बहुत सुंदर है. "मैंने गाँधी को नहीं मारा" फ़िल्म में भी शायद इसी कविता को सुनाया गया था.
NAHI SIR ME OR ITNI ACHHE KAVITA . AP BILKUL SAHI FARMA RAHE HE .YE MENE GANDHI KO NAHI MARA FILM ME HE . ORKUT PAR PAHLI BAAR DEKHI TO ACHE LAGI . SO MENE COPY PEST KAR DI . PEST KARNE ME FARMAT BIGAD GAYA . NAVANGANTUK HU . MAAF KAR DIJIYE .VESE ME NIYMIT ROOP SE AAPKE BLOG PADHTA HU . BHOOT ACHHA LIKHTE HE AAP .
Ye kabita hariwansh ray bachan ji ki hai ..
Satya
good and impressive poem. Realy heart touch... I like it very much...
Munish
9911555383
BACHCHAN SAHAB NE BAHUT HI ACCHI KAVITA LIKHI HAI AUR LOGO NE APNE UPER IS KO LAGUU BHI KIYA HAI.. I ALSO FOLLOW THIS.... THANKS...FOR POSTING..
MUNISH
9911555383
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